ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. अजय कुमार पंडित 17 अप्रैल से अवकाश पर हैं। पहले उन्होंने 4 मई को लौटने की बात कही थी, लेकिन अब 20 मई तक छुट्टी पर रहने की सूचना दी है। इससे विश्वविद्यालय में प्रशासनिक ठहराव आ गया है।
फिलहाल प्रभारी कुलसचिव के भरोसे सामान्य कार्य जैसे फाइलों की निगरानी चल रही है, लेकिन उन्हें वित्तीय या नीतिगत फैसले लेने की अनुमति नहीं है। परीक्षा व्यय, स्ववित्तपोषित संस्थानों की फाइलें, शिक्षकों के बकाये जैसे कई जरूरी कार्य अटके हुए हैं।
वित्तीय लेनदेन से जुड़ी अधिकतर संचिकाएं विभागों में पड़ी हैं क्योंकि बैंक में केवल कुलसचिव का हस्ताक्षर मान्य है। प्रभारी कुलसचिव को अधिकृत करने की प्रक्रिया राजभवन की मंजूरी पर निर्भर है, जो अब तक नहीं मिली है।
चिंता की बात यह है कि 21 दिन बीतने के बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन और राजभवन ने वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की है। इससे शिक्षकों और कर्मचारियों में नाराजगी है, जो चाहते हैं कि विवि जल्द सामान्य कार्यप्रवाह में लौटे।
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